लिनक्स को वायरस फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम कहते हैं क्योंकि:
ज़्यादातर वायरस content kiddies बनाते हैं। यह वे लोग होते हैं जिन्हें जानकारी बहुत ज़्यादा नहीं होती, बस कहीं से कुछ कॉपी पेस्ट करते हैं। इसलिए ज़्यादा नुकसान करने के लिए ये विंडोज को एफेक्ट करने वाले वायरस बनाते हैं क्योंकि विंडोज के लिए इस तरह की जानकारी ज़्यादा आसानी से मिल जाती है।
बहुत लोगों का मानना है कि लिनक्स के लिए वायरस बनाए ही नहीं जाते हैं क्योंकि बहुत कम लोग लिनक्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं है। लिनक्स काफी इस्तेमाल किया जाता है, सारे सर्वर्स लिनक्स पर चलते हैं। बहुत सी आईटी कंपनियां लिनक्स इस्तेमाल करती हैं। एंड्राइड फ़ोन लिनक्स कर्नेल पर बेस्ड हैं।
लिनक्स ओपन सोर्स प्रोडक्ट है जिसका फायदा यह है कि कोई लूपहोल मिलने पर ओपन सोर्स कम्युनिटी इसका जल्दी से जल्दी पैच बनाती है। वहीं विंडोज पर सिर्फ उनकी टीम काम करती है जो कभी इतनी बड़ी कम्युनिटी की बराबरी नहीं कर सकती।
https://www.allovertech.online
लिनक्स का फ़ाइल डायरेक्टरी सिस्टम विंडोज की तरह न हो कर अलग परतों के जैसी है। इसमें रुट एक्सेस सबसे निचला लेयर है जो डिफ़ॉल्ट नहीं है। इसका मतलब है कि साधारण यूजर हैं, एडमिन यूजर नहीं। आपके आग्रह पर ही एडमिन कमांड रन होंगे। बाकी समय आप स्टैण्डर्ड यूजर होंगे जिसके पास एडमिन पावर्स नहीं हैं। इसलिए रुट वायरस से बचा रहता है। एक साधारण फोर्क बम भी लिनक्स को क्रैश कर सकता है पर ऐसा तब होगा जब यूजर अपनी बेवकूफी से उस वायरस को एक्सीक्यूट करेगा।
जहां विंडोज़ के ज़्यादातर सॉफ्टवेयर को एडमिन एक्सेस चाहिए होता है, लिनक्स के सॉफ्टवेयर में ऐसा नहीं होता है। इसलिए विंडोज में आप कोई अनजान सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें तो वह सीधे विंडोज की जरूरी फाइल्स तक एक्सेस कर सकता है। लिनक्स में ऐसा नहीं है।
जहां विंडोज ने यूआई स्ट्रीमलाइन करने के लिए आटोमेटिक एक्शन्स को अनुमति दे रखी है, वहीं लिनक्स किसी भी गैर जरूरी सॉफ्टवेयर को ऑटोमैटिक एक्शन्स लेने नहीं देता है। यूजर की अनुमति के बाद ही कुछ होता है। अगर यूजर सावधान रहें तो कोई परेशानी नहीं आती है।
इसलिए लिनक्स में भी वायरस हो सकते हैं, बस ऐसा होने के आसार विंडोज की अपेक्षा में कम हैं।
अगर बात आती है कि कौन बेहतर है तो यह इस पर निर्भर करता है कि आपको उस ओएस से क्या अपेक्षाएं हैं। गेमर हैं तो विंडोज ही चलाएं, मन की शांति खो जाती है लिनक्स में नए गेम चलाने की कोशिश में। अब स्टीम सपोर्ट आ गया है तो लिनक्स पर भी स्टीम के गेम खेल पाएंगे पर उससे ज़्यादा की अपेक्षा न रखें।
https://youtu.be/VEe5J3co95Q
ज़्यादातर वायरस content kiddies बनाते हैं। यह वे लोग होते हैं जिन्हें जानकारी बहुत ज़्यादा नहीं होती, बस कहीं से कुछ कॉपी पेस्ट करते हैं। इसलिए ज़्यादा नुकसान करने के लिए ये विंडोज को एफेक्ट करने वाले वायरस बनाते हैं क्योंकि विंडोज के लिए इस तरह की जानकारी ज़्यादा आसानी से मिल जाती है।
बहुत लोगों का मानना है कि लिनक्स के लिए वायरस बनाए ही नहीं जाते हैं क्योंकि बहुत कम लोग लिनक्स का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं है। लिनक्स काफी इस्तेमाल किया जाता है, सारे सर्वर्स लिनक्स पर चलते हैं। बहुत सी आईटी कंपनियां लिनक्स इस्तेमाल करती हैं। एंड्राइड फ़ोन लिनक्स कर्नेल पर बेस्ड हैं।
लिनक्स ओपन सोर्स प्रोडक्ट है जिसका फायदा यह है कि कोई लूपहोल मिलने पर ओपन सोर्स कम्युनिटी इसका जल्दी से जल्दी पैच बनाती है। वहीं विंडोज पर सिर्फ उनकी टीम काम करती है जो कभी इतनी बड़ी कम्युनिटी की बराबरी नहीं कर सकती।
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लिनक्स का फ़ाइल डायरेक्टरी सिस्टम विंडोज की तरह न हो कर अलग परतों के जैसी है। इसमें रुट एक्सेस सबसे निचला लेयर है जो डिफ़ॉल्ट नहीं है। इसका मतलब है कि साधारण यूजर हैं, एडमिन यूजर नहीं। आपके आग्रह पर ही एडमिन कमांड रन होंगे। बाकी समय आप स्टैण्डर्ड यूजर होंगे जिसके पास एडमिन पावर्स नहीं हैं। इसलिए रुट वायरस से बचा रहता है। एक साधारण फोर्क बम भी लिनक्स को क्रैश कर सकता है पर ऐसा तब होगा जब यूजर अपनी बेवकूफी से उस वायरस को एक्सीक्यूट करेगा।
जहां विंडोज़ के ज़्यादातर सॉफ्टवेयर को एडमिन एक्सेस चाहिए होता है, लिनक्स के सॉफ्टवेयर में ऐसा नहीं होता है। इसलिए विंडोज में आप कोई अनजान सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें तो वह सीधे विंडोज की जरूरी फाइल्स तक एक्सेस कर सकता है। लिनक्स में ऐसा नहीं है।
जहां विंडोज ने यूआई स्ट्रीमलाइन करने के लिए आटोमेटिक एक्शन्स को अनुमति दे रखी है, वहीं लिनक्स किसी भी गैर जरूरी सॉफ्टवेयर को ऑटोमैटिक एक्शन्स लेने नहीं देता है। यूजर की अनुमति के बाद ही कुछ होता है। अगर यूजर सावधान रहें तो कोई परेशानी नहीं आती है।
इसलिए लिनक्स में भी वायरस हो सकते हैं, बस ऐसा होने के आसार विंडोज की अपेक्षा में कम हैं।
अगर बात आती है कि कौन बेहतर है तो यह इस पर निर्भर करता है कि आपको उस ओएस से क्या अपेक्षाएं हैं। गेमर हैं तो विंडोज ही चलाएं, मन की शांति खो जाती है लिनक्स में नए गेम चलाने की कोशिश में। अब स्टीम सपोर्ट आ गया है तो लिनक्स पर भी स्टीम के गेम खेल पाएंगे पर उससे ज़्यादा की अपेक्षा न रखें।
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1 Comments
woww gud information
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